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Showing posts from October, 2024

A wife who hates her mother-in-law cannot win her husband's love!

A wife who hates her mother-in-law cannot win her husband's love! The relationship between a wife and her husband’s family, especially his mother, plays a critical role in the harmony of a marriage. Just as a strong and respectful connection with in-laws can enrich a marriage, resentment or tension can cause strains that affect the bond between husband and wife. One key principle that underlies successful marriages is understanding that a husband’s mother holds a special, irreplaceable place in his life. A wife’s feelings towards her mother-in-law can deeply impact her relationship with her husband, as well as the overall family harmony. This article explores the significance of respect, patience, and compassion in building a loving marriage where both partners and their families feel valued. Mothers often hold a deep, emotional connection with their sons that has been nurtured since childhood. This bond is foundational and becomes part of who he is as a person. When a wife enters ...

भारत के अनमोल रत्न: सर रतन टाटा के निधन पर भावपूर्ण श्रद्धांजलि!

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भारत के अनमोल रत्न: सर रतन टाटा के निधन पर भावपूर्ण श्रद्धांजलि! भारत के उद्योग जगत के महानायक, परोपकारी और अद्वितीय व्यक्तित्व के धनी सर रतन टाटा के निधन ने न केवल भारत, बल्कि पूरे विश्व में शोक की लहर दौड़ा दी है। यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि उनके निधन से एक युग का अंत हो गया है। उनका जीवन और कार्य हमें न केवल आर्थिक विकास का मार्ग दिखाते हैं, बल्कि समाज और मानवता के प्रति उनकी गहरी संवेदनशीलता भी हमें प्रेरित करती है। प्रारंभिक जीवन और शिक्षा 28 दिसंबर 1937 को मुंबई में जन्मे सर रतन टाटा ने टाटा परिवार की परंपराओं को आगे बढ़ाया और उन्हें नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। वे अपने दादा सर जमशेदजी टाटा और पिता नवल टाटा के बाद टाटा समूह की बागडोर संभालने वाले प्रमुख उद्योगपतियों में से एक बने। उनकी प्रारंभिक शिक्षा मुंबई के कैथेड्रल और जॉन कॉनन स्कूल में हुई, जिसके बाद वे अमेरिका के कॉर्नेल विश्वविद्यालय से आर्किटेक्चर में डिग्री प्राप्त करने गए। उनकी शिक्षा ने उन्हें न केवल व्यवसायिक दृष्टिकोण में उत्कृष्टता प्राप्त करने में मदद की, बल्कि उन्हें एक वैश्विक दृष्टिकोण और आधुनिकता क...

सत्य, अहिंसा और सादगी के प्रतीक: गांधी और शास्त्री जयंती का संदेश

सभी देशवासियों को गाँधी- शास्त्री जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं... गांधी और शास्त्री जयंती: सत्य, अहिंसा और सादगी का प्रतीक 2 अक्टूबर का दिन भारतीय इतिहास में एक विशेष स्थान रखता है। यह वह दिन है जब देश ने दो महान नेताओं, महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री, को जन्म दिया। ये दोनों व्यक्तित्व अपने सिद्धांतों और विचारों के लिए पूरी दुनिया में सम्मानित किए जाते हैं। एक ओर महात्मा गांधी ने सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलकर भारत को स्वतंत्रता दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, तो दूसरी ओर लाल बहादुर शास्त्री ने सादगी, ईमानदारी और कर्तव्यपरायणता का एक जीवंत उदाहरण प्रस्तुत किया। महात्मा गांधी: सत्य और अहिंसा का पुजारी मोहनदास करमचंद गांधी, जिन्हें पूरी दुनिया महात्मा गांधी के नाम से जानती है, का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को पोरबंदर, गुजरात में हुआ था। गांधीजी का जीवन सत्य और अहिंसा पर आधारित था। उन्होंने न केवल भारत की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष किया, बल्कि दुनियाभर के लोगों को सिखाया कि बिना हिंसा के भी बड़े-बड़े बदलाव किए जा सकते हैं। गांधीजी की सबसे बड़ी विशेषता उनकी सोच और विचारधारा थी। उन्होंने न...